प्रायोगिक वायुगतिकी विभाग में तीन अलग-अलग विषयों में शोध किया जाता है। ये हैं वायुयान और अंतरिक्ष यान वायुगतिकी हैं, जिसमें अंतर्ग्रहण, पुच्छपिण्ड और आधार प्रवाह शामिल हैं; प्रवाह संरचना और प्रबंधन, जिसमें वायुआध्वनिकी सहित उच्च उत्थापन वायुगतिकी, प्रवाह नियंत्रण और कर्षण लघूकरण और प्रवाह निदान शामिल हैं। प्रभाग में किए जा रहे महत्वपूर्ण परीक्षणों में शामिल हैं: एमएवी पर अलगाव के निष्क्रिय नियंत्रण के लिए स्व-सक्रिय फ्लैप, लिफ्टऑफ़ के दौरान प्रमोचन संरचना सहित जेट के ध्वनिक अभिलक्षणीकरण, यूएवी वायुगतिकी पर प्रोपेलर प्रभाव, वोर्टेक्स जनरेटर का उपयोग करके षोक इंडूसेड पृथक्करण का नियंत्रण और स्थिर सूक्ष्म जेट प्रवर्तको का उपयोग कर अस्थिर षोक गति नियंत्रण, वेपन बे प्रवाह नियंत्रण, प्रवाह डाइग्नोस्टिक उपकरण के विकास।
प्रभाग में उडान अनुकरण, नियंत्रण और व्यावहारिक गुणता, वायुयान प्रणाली पहचान, बहु संवेदी डेटा फ्यूजन और मानव रहित वायु प्रणाली में विशेषज्ञता है।
नियंत्रण और निर्वाह गुण समूह और राष्ट्रीय क्लॉ टीम
राष्ट्रीय नियंत्रण लॉ टीम, जिसमें एफएमसीडी, एडीए, सीएआईआर, और एचएएल के सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा शामिल हैं जो एफएमसीडी के परिसर से चालू हैं। टीम ने भारत के हल्का लडाकू वायुयान की जटिल फ्लाई-बाय-वायर उड़ान नियंत्रण प्रणाली के डिजाइन और विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है।
बीस से अधिक परीक्षण पायलटों ने एलसीए- तेजस का उडान किया है और टीम को उत्कृष्ट संचालन गुणों और क्षमताओं के वायुयान का सृजन करने के लिए सराहना की है। तेजस की बाउंड्रि लिमिटिंग, स्वत: कम गति और बेफिक्र रणनीति के वजह से आज, तेजस को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमानों के साथ तुलना की जाती है।
इसकी अत्याधुनिक ऑटोपोलॉट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर नेविगेशन मोड दोनों के साथ ऊंचाई और उड़ान पथ का चयन और पकड़ मोड, साथ ही ऑटो स्तर सुविधाएँ का समर्थन करता है। अत्याधुनिक नियंत्रण- लॉ को एयर-टू-एयर रिफूलिंग क्षमता के साथ विमान से कई हथियारों की रिहाई के लिए तैयार किया गया है।
टीम ने सफलतापूर्वक हवा के डेटा एल्गोरिदम का डिज़ाइन किया कि प्रवाह कोणों और दबाव जांच रीडिंग्स के सटीक माप को सुनिश्चित किया जा सके।
एक जहाज के डेक से लघु परिपथ में एलसीए नौ श्रेणी के उडान नियंत्रण विधि और एरेस्टर-हुक अवतरण के अभिकल्प करना टीम के लिए एक कठिन चुनौती था। छोटे रनवे की बाधाओं को दूर करने के लिए एक विशेष हैन्ड्स फ्री टेक ऑफ मोड विकसित किया गया।
एरो इंडिया, बेंगलुरु और बहरीन एयरशो में एलसीए-तेजस के दोषरहित उड़ान प्रदर्शनों ने उड़ान नियंत्रण अभिकल्प टीम की विशेषज्ञता और क्षमता का प्रदर्शन किया।
उड़ान अनुकरण ग्रुप
एफएमसीडी में अभिकल्प किया गया उडान अनुकारी एलसीए के नियंत्रण अभिकल्प मान्यीकरण और अंतिम कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस उच्च -विश्वसनीयता के वास्तविक समय अनुकारी एलसीए पायलटों के लिए उच्च गुणवत्ता के दृश्य संकेत प्रदान करता है।
पायलटों को प्रक्षोभ, क्रॉसविंड्स, शिप डेक से उत्प्रस्थान, एरेस्टर हुक के साथ अवतरण, आसमान में ही इन्धन भरना (एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग) और ऑटो कम गति रिकवरी से पायलटों को परिचित कराने के लिए विशेष परिदृश्य तैयार किए जा सकते हैं।
एफएमसीडी टीम ने कई अन्य अनुकारों को भी विकसित किया है, जिसमें इंजीनियरिंग छात्रों के लिए डेस्कटॉप अनुकारी और एयर फोर्स टेस्ट पायलट स्कूल के लिए हैंडलिंग क्वालिटीज़ अनुकारी शामिल हैं।
पायलटों को कॉकपिट और कार्यप्रणाली संबंधी जानकारी प्रदान करने के लिए सीएसआईआर-एनएएल के 14 सीटर, सारस वायुयान के लिए एक बहुउद्देशीय अनुकारी विकसित किया गया है। पायलट वर्कलोड को मापने के लिए सिर और आंख ट्रैकिंग सिस्टम भी स्थापित किया गया है।
विमान अभिकल्प मान्यीकरण, कॉकपिट एर्गोनॉमिक्स, पायलट वाहन इंटरफ़ेस और हैज़र्ड विश्लेषण अध्ययन के लिए एक संवर्धित इंजीनियरिंग पर्यावरण अनुकारी को सीएई कनाडा के साथ संयुक्त रूप से अभिकल्प किया गया। एफएमसीडी द्वारा पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के नियंत्रक अभिकल्प और वैमानिकी प्रदर्शन के मूल्यांकन हेतु एडीए की सहायता करने के लिए एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) का एक कार्यक्षम अनुकारी बनाया गया था।
टीम में वायु यातायात प्रबंधन के क्षेत्र में भी विशेषज्ञता है। इस सुविधा का उपयोग करके हवाई अड्डा क्षमता अध्ययन, शोर पूर्वानुमान, वायु यातायात नियंत्रक कार्य भार मूल्यांकन और ईंधन जलन अध्ययन किया जा चुका है।
वायुयान प्रणाली पहचान ग्रुप
विमान नियंत्रण अभिकल्प के लिए शुद्ध वायुगतिकीय प्रतिरूप की उपलब्धता महत्वपूर्ण है। इसके लिए उड़ान डेटा एकत्रीकरण, गणितीय प्रतिरूपण और उन्नत प्रणाली पहचान उपकरण का उपयोग करने के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।
एफएमसीडी ने इन बेहद अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों में महारत हासिल की है, जो कि दुनिया में अग्रणी वांतरिक्ष अभिकरणों द्वारा संरक्षित हैं। टीम को उडान डेटा से प्रतिरूप की पहचान करने में समृद्ध अनुभव है। पहचान किए गए प्रतिरूपों का इस्तेमाल अनुकारी विश्वस्ता सुधारने, विमान प्रदर्शन का मूल्यांकन करने और उड़ान नियंत्रण विधि के उन्नयन के लिए किया जाता है।
टीम ने एलसीए-तेजस विमान के सुरक्षित और व्यवस्थित विस्तार के लिए बेहद योगदान दिया है। टीम ने कई अन्य विमानों से उड़ान डेटा का भी विश्लेषण किया है, जिसमें सारस, एमआईजी -21, जगुआर, एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर और मानवरहित वायुयान शामिल हैं।
प्रभाग ने मिराज 2000 वायुयान के मध्य जीवन उन्नयन के लिए भंडारों की उड़ान निकासी जैसे कई अन्य मुख्य परियोजनाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
बहु संवेदी डेटा संलयन ग्रुप
एफएमसीडी की विशेषज्ञता बहु-संवेदी डेटा संलयन के जटिल क्षेत्र में विमान नियंत्रण अभिकल्प के अलावा अन्य क्षेत्रो में फैली हुई है।
इस क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ ग्रुप ने डीआरडीओ की समाकलित परीक्षण श्रेणी की सुविधा के लिए लक्ष्य ट्रैकिंग एल्गोरिदम विकसित किए हैं। C4I राष्ट्रीय वायु रक्षा कार्यक्रम के लिए परिष्कृत एल्गोरिदम भी विकसित किए गए थे ।
उच्च गतिशील एयर ब्रीथिंग लक्ष्य को रोकने के लिए एस्ट्रा एयर-टू-एयर मिसाइलों के लिए सीकर फ़िल्टर एल्गोरिदम का विकास किया गया था। पायलट की जागरूकता में सुधार और लडाई की हालत में अपने काम का बोझ कम करने के लिए एक स्वचालित खतरा मूल्यांकन प्रणाली विकसित की गई थी।
फिलहाल, पायलटों को कम दृश्यता परिस्थितियों में सुरक्षित उड़ान करने में सक्षम बनाने के लिए विशेषज्ञ समूह एक उन्नत कॉकपिट डिस्प्ले प्रौद्योगिकी विकसित कर रहा है, जिसे 'एन्हांस्ड सिंथेटिक विजन सिस्टम' कहा जाता है, यह प्रौद्योगिकी सभी मौसमों में किसी भी हवाई अड्डे से उड़ान संचालन को सक्षम करेगी, जिनमें निम्न दृश्यता संचालन के लिए जो अच्छी तरह से सुसज्जित नहीं है, भी शामिल हैं।
एमएवी यूनिट
एफएमसीडी ने एनएएल में मानव रहित हवाई प्रणालियों के विकास में भी योगदान दिया है। यह प्रभाग सीएसआईआर-एनएएल की एमएवी इकाई का सक्रिय रूप से समर्थन कर रहा है, जो पूरी तरह से स्वदेशी मिनी वायुयानों के अभिकल्प और निर्माण में नेतृत्व प्रदान करता है। एमएवी कार्यक्रम के लिए उडान नियंत्रण एल्गोरिदम और हार्डवेयर-इन-लूप सिमुलेशन के विकास में एफएमसीडी टीम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह प्रभाग वाहन समाकलन और उड़ान परीक्षण गतिविधियों में एमएवी इकाई की भी सहायता करता है।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
एफएमसीडी अंतरराष्ट्रीय अभिकरणों में जैसे डीएलआर इंस्टीट्यूट ऑफ फ्लाइट सिस्टम्स, जर्मनी, यूके और सीएई, कनाडा के डी-मॉन्टफोर्ट विश्वविद्यालय जैसे कई सहयोगी कार्यक्रमों में शामिल है।
समापन टिप्पणी
जैसा कि प्रभाग वांतरिक्ष क्षेत्र के नए चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में अग्रणी हो रहा है और साथ साथ यह वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी सहयोग, औद्योगिक साझेदारी, प्रौद्योगिकी अंतरण और भारतीय और विदेशी भागीदारों के साथ संयुक्त विकास करने के लिए तैयार है।
उड़ान नियंत्रण अभिकल्प, अनुकरण, सिस्टम पहचान और डेटा संलयन के क्षेत्र में अपनी अद्वितीय विशेषज्ञता के साथ, एफएमसीडी देश द्वारा आने वाले समय में करने जा रहे विभिन्न वांतरिक्ष कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को लेना जारी रखेगा।