अरैखिक संरचनात्मक विश्लेषण
वांतरिक्ष सम्मिश्र अभिकल्प एवं विश्लेषण के समय आने वाले समस्याओं जैसे स्थिर, गतिशील, बकलिंग, ऑप्टिमाइजेशन और अरैखीय (दोनों ज्यामितीय और भौतिकी) विश्लेषण के लिए फायनेट एलिमेंट तकनीकी समाधान प्रदान करने हेतु एसीडी प्रभाग अन्तर्ग्रस्त है। अत्याधुनिक समाधान, अभिसरण तकनीक और समय एकीकरण योजनाओं विधियों के प्रयोग से समग्र संरचनाओं का सटीक और कुशल विश्लेषण का प्रयोग वांतरिक्ष उद्योगों को सर्वोत्तम संभव अभिकल्प प्रदान करने के लिए किया गया है। कुशल मॉडलिंग और अरैखिक समाधान तकनीक का विकास पोस्ट-बक्लिंग और क्षति सहिष्णुता समस्या को हल करने केलिए किया गया है, जहां बड़े विस्थापन, क्षति/दरार की शुरुआत, अरैखिक व्यवहार, क्षति के प्रकार, क्षति का स्थान और संरचना के पतन जैसे विभिन्न स्थितियों को सही प्रकार से अभिग्रहण किया जाता है। डिजिटल कंप्यूटर और परिमित तत्व उपकरणों के आगमन से न केवल गणना को गति प्रदान करता है बल्कि ग्राफ़िक्स में परिणाम को भी प्रदर्शित करता है, वाणिज्यिक परिमित तत्व उपकरण जैसे एबाकास, हाइपरमेश, एमएससी नैश्ट्रान का प्रयोग जटिल समस्याओं को सुलझाने के लिए किया जाता है। संशोधित न्यूटन-रैफसन विधि और आर्क-लम्बाई विधि बक्लिंग पाइंट से परे भार-विन्यास पथ के अनुरेखण में सुविधा प्रदान करती है और गैर-रैखिक समस्याओं में समाधान प्रदान करने के लिए व्यवस्थित रूप से जांच की जाती है। एक कुशल और विश्वसनीय तरीके से पूर्ण संरचनात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। स्थिर या गतिशील भार के कारण सम्मिश्रण में इंटर-लैमिनार और इंट्रा-लैमिनर प्रगतिशील क्षति को क्षतिग्रस्त मॉडल के प्रयोग से लिया जाता है।
विभाग में हाल के वर्षों में नए अभिकल्पों का प्रयोग और अनुकूलित संरचनाओं के प्रयोग हेतु अरैखिक विश्लेषण विधियों का विकास किया जा रहा है। इसके अलावा, संरचनाओं के क्षति सहिष्णुता अभिकल्प के लिए इस तरह के क्षतिग्रस्त सहिष्णुता से संबंधित मुद्दों पर अधिक सशक्त ध्यान दिया जाता है, जहॉं विकसित अरैखिक समाधान के कारण उत्तम अभिकल्प प्राप्त किया जा सकता है।