कार्बन फाइबर उच्च शक्ति, उच्च कठोरता और कम वजन सामग्री का साधन है जिसका इस्तेमाल विमान, मिसाइल, प्रक्षेपण वाहनों और उपग्रहों में बड़े पैमाने पर किया जाता है। यह कई औद्योगिक अनुप्रयोगों जैसे पवन ऊर्जा, अवसंरचना, खेल और परिवहन में महत्वपूर्ण कच्चा माल है।
सीएसआईआर - एनएएल ने प्रीकर्सर फाइबर आधारित पॉलीएक्रिलोनाइट्राइल से कार्बन फाइबर विकास का स्वदेशीकरण पर ध्यान देते हुए वर्ष 2003 में कार्बन फाइबर और प्रीपेग के लिए एक समाकलित सुविधा की स्थापना की। विकास के एक और प्रयास के तौर पर एनएएल ने मेसर्स केमरॉक इंडस्ट्रीयल एक्सपोर्ट्स लिमिटेड, वडोदरा के साथ 300 टीपीए मानक मापांक कार्बन फाइबर सुविधा संयंत्र की स्थापना हेतु प्रक्रिया साझा करने के लिए तकनीकी सहायता के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। केमरॉक ने भारत के प्रथम वाणिज्यिक कार्बण फाइबर विनिर्माण सुविधा की स्थापना की और वह वर्ष 2011 में पूरी तरह से चालू हुआ मानक मॉड्यूल ग्रेड कार्बन फाइबर उत्पादन के लिए सेमीलैक द्वारा प्रमाणन के साथ पूरी तरह चालू हुआ।
इस बीच, केंद्र मॉड्यूलस प्रतिरूपक कार्बन फाइबर के विकास में शामिल था और आवश्यक उपकरण संशोधनों को इसमें शामिल किया गया था । इस अवधि के दौरान, मिथानी, हैदराबाद ने मानक मॉड्यूलस कार्बन फाइबर के लिए बेहतर प्रौप्रक्रिया प्रौद्योगिकी विकासित करने के लिए आर्थिक रूप से एनएएल की मदद की, जिसे सेमीलैक द्वारा 2017 में प्रमाणित किया गया था । इसके उपरांत एनएएल ने रिलायंस सहित कई फर्मों से संपर्क किया है ताकि प्रक्रिया की विधि को अंतरण किया जा सके।
फिलहाल, केंद्र मध्यवर्ती मॉड्यूलस कार्बन फाइबर के विकास में शामिल है और पर्यावरण प्रबंधन पर लाभ लाने वाले कार्बन फाइबर के लिए कम लागत के वैकल्पिक अग्रदूतों पर व्यावहारिक अध्ययन भी करता है । केंद्र ने प्रक्रिया अंतरण और सम्मिश्र उद्योगों की आवश्कता को पूरा करने के लिए कार्बण फाइबर संयंत्र की स्थापना करने हेतु अंतरण पर विचार करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा किया है।