जलीय घोल बहुलीकरण तकनीक

जलीय घोल बहुलीकरण तकनीक

जलीय घोल बहुलीकरण तकनीक ऐक्रिलिक फाइबर विनिर्माण हेतु सर्वाधिक रूप से अपनाई गई तकनीक/प्रक्रिया है। जल का प्रयोग यहाँ प्रणाली के निरंतर प्रावस्‍था के रूप में किया जाता है। वांछित सह-मोनोमर (आमतौर पर मेथैक्रिलिक एसिड, इटाकोनिक एसिड, मिथाइल एक्रिलेट इत्यादि) के साथ मोनोमर एरीलोनिट्रिल को मुक्त बलुलीकरण तंत्रीकरण द्वारा सहबहुलीकरण किया गया है। मोनोमर, सह-मोनोमर, इनिशिएटर, एक्टिवेटर और एक चेन ट्रांसफर एजेंट लगातार नियंत्रित पीएच के तहत स्टिरड टैंक रिएक्‍टर (सीएसटीआर) में फीड किया जाता है। प्रवर्तन, प्रजनन और कणों और शीघ्र बहुलक कणों का निष्‍कासन विधि के माध्यम से बहुलीकरण प्रतिक्रिया की प्रगति द्वारा घोल की रचना होती है। बहुलक घोल निरंतर प्रवाह द्वारा रिएक्टर से लगातार निकाला जाता है और डाउनस्ट्रीम ऑपरेशन में भेजा जाता है। प्रतिक्रिया को पूरी तरह समाप्त करने के लिए, बाहरी अंतक को घोल में जोड़ा जाता है।

विनिर्देश

बहुलक उत्पादन क्षमता: 12-25 किलो / घंटा

प्रतिक्रिया का पीएच: 2.5-3.0

बहुलक अंतर्निहित विस्‍कासिता: 1.5-4.0 डीएल/जी


सुविधाएं जहां इस तकनीक का प्रयोग किया जाता है: एक्रिलोनाईट्राइल बहुलीकरण सुविधा (एफ1)
इस तकनीक की प्रमुख उपलब्धियॉं/ परिणाम:

पिछला नवीनीकरण : 28-09-2020 05:13:06pm