सम्मिश्र संरचनों का अभिकल्प और विकास (BISMALEIMIDE-BMI प्रेपेगों का उपयोग करते हुए)
वायुयान की प्रायः सभी सम्मिश संरचानाओं का विकास कार्बन-एपोक्सी प्रिपेग पदार्थों के जरिए किया जाता है, क्यों कि यह पदार्थ अधिकतम 120ºC सेवा तापमान तक सहन कर सकता है. इस सीमा को दृष्टि में रखते हुए एपोक्सी का उपयाग इंजन जैसे हॉट जोन में नहीं किया जाता. 200ºC तक के तापमान केलिए, संरचनाओं के अभिकल्प में उद्योगों ने BMI रेसिनों का सफलतापूर्वक उपयोग किया है. कार्बन- BMI प्रिपेगों की प्रक्रिया बहुत जटिल है, क्यों कि जैसे जैसे तापमान बढ़ता है वैसे वैसे रेसिन पतला होता जाता है और ऐसी स्थिति में लामिनेट के अन्दर रेसिन को बनाए रखना बहुत बड़ी चुनौती का काम है. क्यूरिंग के दौरान रेसिन से वाष्प और नामीपन निकलता है. अतः क्यूरिंग के दौरान इन रेसिनों केलिए उचित संवातन (venting) की आवश्यकता है; अन्यथा इसमें प्रक्रिया संबंधी त्रुटियाँ हो जाती हैं जैसे डी-लैमिनेशन आदि. एसीडी ने BMI प्रिपेगों के साथ सह-अभिसाधित संरचानाओं की प्रक्रिया में काफी काम किया है और एलसीए-तेजस वायुयान केलिए एक सह-अभिसाधित बे-द्वार का विकास किया है. 180⁰C तक की संरचनात्मक लोडिंग के तापमान पर BMI इंजन बे-द्वार पर अनेक प्रमाणन परीक्षण किए गए और संबंधित नियामक प्राधिकारों का प्रमाणन भी प्राप्त कर लिया गया है. एसीडी ने ऐसा निर्माण सामर्थ्य अर्जित किया है जिससे कार्बन- BMI प्रिपेगों का उपयोग करते हुए उच्चतम कंटूर-युक्त इंटेग्रल संरचनाओं का निर्माण कर सकता है जो किसी भी इंजिनीयरिंग के क्षेत्र के उपयोग के लिए 200⁰C तक का तापमान सहन कर सकेंगी|
सह-अभिसाधित संरचना के निर्माण की सम्पूर्ण प्रौद्योगिकी पैकेज में ये होते हैं:
1. वैचारिक स्तरीय अध्ययन और ले-आऊट की तैयारी
2. स्वीकार-योग्य एवं विशेष लक्षणों के अभिकल्प हेतु बिल्डिंग ब्लोंक अप्रोच के जरिए टेस्ट मैट्रिक्स का अभिकल्प
3. प्रमाणन हेतु वैश्विक एवं विस्तृत FE विश्लेषण तथा स्ट्रेस रिपोर्टें
4. निर्माण केलिए CAD माँडल एवं विस्तृत आरेख
5. बाह्य एवं आतंरिक औजारों का अभिकल्प, विकास तथा प्रमाणीकरण
6. अल्ट्रासोनिक निरीक्षण एवं विमीय निरीक्षण का उपयोग करते हुए सह-अभिसाधित भागों का निर्माण तथा प्रमाणीकरण
7. पदार्थ, प्रक्रिया एवं उपकरणों का समग्र QA/QC प्रलेखन
इंजन बे द्वार भाग